कोरोना काल में इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आयोजित समारोह का स्वरुप भी बदल सकता है और कहा जा रहा है कि इस साल 29 अगस्त को ये समारोह ऑनलाइन भी हो सकता है. वही दूसरी ओर इन खेल पुरस्कारो के लिए चयन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इस बारे में चयन समिति की बैठक के पहले दिन सोमवार को द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार के विजेताओ का फैसला हुआ.
जसपाल राणा सहित 13 कोच बनेंगे द्रोणाचार्य
वही 12 सदस्यीय समिति राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के विजेता का फैसला मंगलवार को करेगी. इसमें ओलंपियन निशानेबाज रहे और इस समय नए निशानेबाजो की पौध को निखार रहे जसपाल राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेगा. उन्होंने मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अनीष भानवाला जैसे विश्वस्तरीय निशानेबाज तैयार किये है.
हालांकि जसपाल राणा के नाम की नेशनल राइफल एसोसिएशनल ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) द्वारा पिछली बार की गयी सिफारिश नहीं मानी गयी थी. इसके साथ हॉकी कोच रोमेश पठानिया व जूड फेलिक्स और वुशु कोच कुलदीप हांडू सहित 13 कोच भी द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सिफारिश की गयी है. इसके साथ 15 दिग्गज प्लेयर्स को मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए नाम भेजा गया है.
ध्यानचंद लाइफटाइम अवार्ड के लिए नंदन बाल (टेनिस), अजीत सिंह (हॉकी), सुखविंदर सिंह (फुटबॉल), मंजीत सिंह (मुक्केबाजी), दिवंगत सचिन (तैराकी) का चयन हुआ हैं.
इसके साथ द्रोणाचार्य लाइफटाइम अवार्ड के लिए 93 वर्षीय नरेश कुमार (टेनिस), ओपी दहिया (कुश्ती), केके दहिया (कबड्डी), धर्मेंद्र तिवारी (तीरंदाजी) आदि के नाम की सिफारिश हुई है.
हालांकि क्रिकेट में भारतीय स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र सिंह चहल द्वारा अपने कोच के नाम की गयी सिफारिश पर वीरेंद्र सहवाग ने मना कर दिया था.इस बारे में सहवाग के अनुसार पहले ही 13 द्रोणाचार्य पुरस्कार हो गए हैं तो व्यक्तिगत कोच को देने की क्या दरकार है.
इस बारे में ये भी कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह ऑनलाइन होगा. खेल मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार समारोह ऑनलाइन होगा और निर्देशों के अनुसार समारोह के दिन 29 अगस्त को विजेताओं का नाम घोषित हुआ है. इसके लिए सभी विजेता अपनी-अपनी जगह से 29 अगस्त को लॉग इन करेंगे.
इस बारे में सूत्रों के अनुसार इस बार पुरस्कार के लिए काफी ज्यादा नाम हो गए थे. इस बार व्यक्तिगत सहित कुल आवेदन हुए थे, इसमें से 100 ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए और ध्यानचंद पुरस्कार के लिए 40 से ज्यादा नाम आये थे. वही 42 नाम तो सिर्फ खेल रत्न के लिए आए थे.